Little Kanha, the light of my life, is sitting sad today. He got a scolding from his mom. Oh, how can we help Him, the bestower of happiness on the whole world, regain his own.

 

कान्हा मेरा तू उजियारा

है बैठा, यूँ दुखियारा

की है तूने क्या कोई शरारत?

क्या तुझको है माँ ने मारा?

नटखट बैठा दुखियारा

तू ही मेरा है उजियारा

 

बरसाए जो हम पर सदा ही सुख

दूर करें हम उसका ये दुख

 

खेलें प्यारे मोहन के संग

बरसाएं उस पर प्रेम के रंग

बजाए कन्हैया मधुर मुरलिया

रंग दे वो हमको अपने ही रंग

 

कान्हा सबका है जो दुलारा

सबका वही जीवन सहारा

कान्हा प्यारा मेरा उजियारा

  • मुकुल सरन , १०.२८.२०२१

 

 Kanha mera tu ujiyara

Kyun hai baitha, yun dukhiyara

Kee hai toone kya koi shararat?

Kya tujhko hai maa nein mara?

Natkhat baitha dukhiyara

Tu hee mera hai ujiyara

 

Barsaye jo hum par sadaa hi sukh

Door karein hum uska ye dukh

 

Kheleain pyare Mohan ke sang

Barsaaein us par prem ke rang

Bajaye kanhaiya madhur muraliya

Rang de vo humko apne hi rang

 

Kanha sabka hai jo dulara

Sabka vohi jeevan sahara

Kanha pyara mera ujiyara

  • Mukul Saran 10.28.2001

 

 

राधा कृष्ण प्राण मोरा जुगल किशोर

जीवन मरण गति, और नाहीं मोर

 

कालिंदी तीरे सघन कादम्बरा वन

रतन आसन ऊपर बैठाऊँ दू-जन

 

स्यामा-गौरी अंग लेपूँ चन्दन गंध

चंवर ढुला के देखूं छवि मुख चंद्र

 

गठ मालती माला संवारूँ जुगल गले

अधर उनके धरूँ कर्पूर-ताम्बूले

 

ललिता विशाखा आदि सगरी सखी बृंद

आनंद ह्रदय मह, सेवा चरणारविंद

 

श्री कृष्ण चैतन्य प्रभु दासों का दास

सेवा अभिलाषा करे ये नरोत्तम दास

 

(मूल कृति, बंगाली भाषा – नरोत्तम दास)

हिंदी अनुवाद त्रुटियों सहित –  क्षमाप्रार्थी मुकुल)

अप्रैल १७ २०२१

 

हे भक्त वृन्दोंके प्राण प्यारे

नमामि राधे नमामि कृष्णं

तुम्हीं  हो माता पिता हमारे

नमामि राधे नमामि कृष्णं

 

तुम हो द्वापर के देव न्यारे

तुम्हीं ने कंस के प्राण हारे

नमामि राधे नमामि कृष्णं

 

द्रुपद-सुता अति-दीन पुकारे

राखी लाज तुम चीर सम्भारे

नमामि राधे नमामि कृष्णं

 

तुम्हीं हो गीता सन्देश धारे

तुम्हीं अर्जुन विजय-आधारे

नमामि राधे नमामि कृष्णं

 

तुम्हीं हमारे एक सहारे

बसों हे भगवन ह्रदय हमारे

नमामि राधे नमामि कृष्णं

 

मूल कृति B.R. Chopra द्वारा प्रस्तुत महाभारत TV serial की थी| उसी धुन पर आधारित यह प्रस्तुति है

 

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

कृपालु राम भगवन हे शरण में तू मुझे रख ले

 

अधम पापी मैं अभिमानी निर्बल और अज्ञानी

कृपा करके प्रभु मेरे अवगुण सब भुला तू दे

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

 

महिमा जो तुम्हारी है सभी गुणगान करते हैं

दया कर हे प्रभु मेरे ये महिमा पार तू कर दे

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

 

माँ शबरी निहारे बाट बुहारे रास्ते, भर आस

चल उन रास्तों पर ही शबरी की राम अब सुध ले

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

 

विभीषण त्याग पद दरबार कृपा की तेरी लेकर आस

यही अब आस संबल है विभीषण आज शरण तू दे

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

 

हृदय में भय लिए केवट, मांगे तुझसे ये वरदान

चरण-कमल पखारूँ मैं प्रभु अब तो मुझे तर दे

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे|

 

अयोध्या के राम जी की सेवा में समर्पित १/२/२०२४

धुन: – ‘सजा दो घर को गुलशन सा अवध में राम आए हैं’’ भजन