(विवाह की ३२वी वर्षगाँठ इंदौर/भोपाल में अलग अलग मनाते हुए, सप्रेम)
दूरियां जब दरमयाँ होती हैं
तुम यहां हम वहाँ लेकिन
अहसास क़रीबियाँ होती हैं
आया वह, फिर चला गया
गुज़रे हुए साल के किस्से देकर
मनाया उसे तुमने भी, मैंने भी
अगले साल की उम्मीदें लेकर
एक बार फिर वही दिन जून का
साल तो आते हैं, जाते रहेंगे
हैं सिर्फ ये दूरियों के पत्थर
हम कब दूर थे, कब दूर हैं
चिरकाल तक साथ हमारा है सफर
बधाइयाँ और स्नेह !
(जुलाई १, २०१७ इंदौर वायुस्थल)
Nidhi says:
Jijaji congratulations 🎉🎉
Very nice lines
Mukul Saran says:
सहृदय धन्यवाद, निधि|